अयातुल्लाह खामेनेई के कार्यालय द्वारा इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद में आयोजित दूसरी मजलिस को संबोधित करते हुए

रसूल अल्लाह (स.अ.व) की एकलौती बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ) की शहादत के अवसर पर अयातुल्लाह सैय्यद अली खामेनेई के कार्यालय की तरफ से इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद हज़रतगंज लखनऊ में दो दिवसीय मजलिसो का आयोजन हुआ। इस सिलसिले की दूसरी मजलिस को इमामे जुमा मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने संबोधित किया। मजलिस की शुरुआत क़ारी मासूम मेंहदी ने क़ुरान की तिलावत से की। मजलिस में शायरों ने भी नज़राने अक़ीदत पेश किया।

मजलिस को संबोधित करते हुए मजलिसे-ए-उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना कल्बे जवाद नक़वी ने सूरा-ए-कौसर की आयतों के मानि और मफ़ाहीम को भरपूर अंदाज़ में बयान किया। मौलाना ने कहा सूरा-ए-कौसर हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ) की शान में नाज़िल हुआ। जिस वक़्त रसूल अल्लाह (स.अ.व) के दुश्मन उनपर पर तंज़ कसते थे कि अल्लाह ने उनकी नस्ल को क़ता कर दिया हैं उस वक़्त अल्लाह ने सूरा-ए-कौसर को नाज़िल किया और आप को कसरते नस्ल की बशारत दी और जो आपको मक़तूउल नस्ल होने का ताना देते थे अल्लाह ने उन्हें ही अबतर कह कर याद किया। मौलाना ने कहा कि आज पूरी दुनिया में सादाते कराम की मौजूदगी यह बतला रही है कि पैग़म्बरे इस्लाम (स.अ.व) की नस्ल उनकी बेटी के ज़रिये हर जगह फैली हुई है जबकि रसूल को ताना देने वालों की नस्ले ख़त्म हो गई। मजलिस के अंत में मौलाना ने हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ) की शहादत बयान की। मौलाना ने कहा कि ये तारीख़ का बड़ा अलमिया हैं कि रसूल की बेटी के दरवाज़े पर उम्मत ने लकड़िया जमा करके आग लगाई। जलता हुआ दरवाज़ा आप पर गिराया जिस से आप की पसलियां टूट गयी और आपके बेटे जनाबे मोहसिन की शहादत हो गयी।

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