मिट्टी-भाषा से प्रेम करे- तभी राज्य-राष्ट्र से प्रेम होगा:- अमित शाह

शशिकान्त दुबे

देश की संसद में अपना रौद्र रूप दिखा चुके केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह जब अपने गृह राज्य पहुंचते हैं तो काफ़ी भावुक हो जाते हैं। बातचीत के क्रम में वे कहते हैं कि जो मैं दिखता हूँ वो कदापि नहीं हूँ बल्कि मुझें अपनी मिट्टी, अपने गाँव, अपने समाज से काफी लगाव है। जब भी अपने गृह नगर पहुँचता हूँ तो आँखें डबडबा जाती है और कुछ समझ में नहीं आता है कि क्या बोलू? अतः यह सहज अनुमान लग जाता है कि अमित शाह का गुजरात दौरा कई मायनों में अलग-अलग क्यों रहता है। इस बार वे जब अपने पैतृक गांव मानसा पहुंचे तो उन्होंने कहा कि अगर उनके गांव में लाइब्रेरी नहीं होती तो शायद मैं जो हूं शायद नहीं होता। अमित शाह के बचपन से जुड़ी लाइब्रेरी 1976 में स्थापित हुई थी। पिछले साल उन्होंने इस लाइब्रेरी को मॉडर्न लाइब्रेरी में बदलवाया था। इस लाइब्रेरी को स्थापित करने का श्रेय चंदूलाल मफतलाल शाह को दिया जाता है। अब यह लाइब्रेरी महात्मा गांधी पुस्तकालय बिल्डिंग में संचालित होती है। मेरी माटीमेरा देश कार्यक्रम में गृह मंत्री ने लोगों से कहा कि वे अपने बच्चों को गुजराती भाषा का ज्ञान अवश्य दें। ऐसा करने से अपनी संस्कृति को समझेंगे और विरासत बचाने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात से हैं लेकिन उनका जन्म मुंबई में हुआ। 22 अक्टूबर1964 को उनका जन्म हुआ। इसके बाद उनके पिता गुजरात के मानसा आ गए। ऐसे में गांधीनगर जिले में आने वाले मानसा गांव गृह मंत्री का पैतृक गांव है। उनके पिता अनिल चंद्र शाह और मा कुसुमबेन शाह ने उन्हें बड़ा किया। शाह अपनी मां की स्मृति के मानसा में कुसुम बा अन्न क्षेत्र रसोई संचालित करते हैं जहां पर जरूरतमंद बच्चों को रोजाना नि:शुल्क भोजन मिलता है। मानसा में मां के नाम से संचालित होने वाली रसोई में अमित शाह ने पत्नी सोनल बेन शाह के साथ खाना खाया। इस रसोई को कुसुम बा अन्य रसोई के नाम से जाना जाता है। जहां पर जरूरमंत बच्चों के लिए गुणवत्ता युक्त खाना परोसा जाता है। शाह की पत्नी सोनल बेन शाह सामाजिक गतिविधियों में सक्रिय रहती हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मां कुसुम बा की स्मृति में चलाई जाने वाली रसोई में काफी वक्त बिताया।

कार्यक्रम में अमित शाह ने मानसा गांव की मिट्टी को एक कलश में रखा। अमित शाह ने अमृत कलश में मिट्टी लेकर पंच प्रण‘ की शपथ ली। यही मिट्टीएकता व अखंडता की प्रतीक अमृत वाटिका‘ की स्थापना के लिए दिल्ली जाएगी। मातृभूमि के लिए प्राणों को न्योछावर करने वाले वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए पीएम मोदी जी की अपील पर मेरी माटी मेरा देश’ अभियान शुरू हुआ है। माणसा में आयोजित कार्यक्रम में अमृत कलश में मिट्टी रखने के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नेशनल सिक्योरिटी गार्ड (एनएसजी) के स्थायी कैंपस की आधारशिला भी रखी। शाह ने कहा कि आज आजादी के 75 साल बाद हम देश के लिए मर तो नहीं सकते लेकिन हमें देश के लिए जीने से कोई नहीं रोक सकता है। शाह ने कहा कि पूर्वजों का बलिदान हमारे लिए संस्कार है।

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