प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 6 अगस्त को ‘अमृत भारत रेलवे स्टेशन’ योजना को वर्चुअली लॉन्च किया। इसके तहत देशभर के 1309 रेलवे स्टेशनों को पुनर्विकसित किया जाएगा। योजना के तहत डेवलप किए जाने वाले कुल 1309 स्टेशनों में उत्तर प्रदेश के 156, मध्य प्रदेश के 80, हरियाणा के 40, आंध्र प्रदेश के 72, असम के 50, बिहार के 92, छत्तीसगढ़ के 32, दिल्ली के 13, गुजरात के 87 और झारखंड के 57 स्टेशन शामिल किए गए हैं। इसके अलावा कर्नाटक के 56, केरल के 35, महाराष्ट्र के 126, ओडिशा के 57, पंजाब के 30, राजस्थान के 83, तमिलनाडु के 75, तेलंगाना के 40, जम्मू-कश्मीर के 4, उत्तराखंड के 11 और बंगाल से 98 स्टेशन शामिल हैं। जबकि पहले फेज में 508 स्टेशनों को शामिल किया गया है। ये 508 स्टेशन देश के 27 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में हैं। पहले चरण में उत्तर प्रदेश और राजस्थान में 55-55, बिहार में 49, महाराष्ट्र में 44, मध्य प्रदेश में 34, पश्चिम बंगाल में 37, असम में 32, ओडिशा में 25, पंजाब में 22 और गुजरात-तेलंगाना में 21-21 स्टेशनों को विकसित किया जाएगा। इसके अलावा झारखंड में 20, आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु में 18-18 स्टेशन, हरियाणा में 15 और कर्नाटक में 13 स्टेशनों को विकसित किया जाएगा। इसमें कुल 24,470 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा- “हमारे देश में विपक्ष का एक धड़ा न काम करता है, न काम करने देता है। हमने संसद की नई बिल्डिंग बनाई, कर्तव्य पथ बनाया और नेशनल वॉर मेमोरियल बनाया तो हर बार विपक्ष ने इसका विरोध किया। हमने दुनिया की सबसे ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाई। कुछ पार्टियां चुनाव के समय तो सरदार पटेल को याद करती हैं, लेकिन उनके कोई भी बड़े नेता सरदार पटेल की प्रतिमा को नमन करने नहीं गए।” प्रधानमंत्री का दावा है कि साल भर में भारत में ऑस्ट्रेलिया के कुल रेल नेटवर्क से ज्यादा ट्रैक बिछाया गया। उन्होंने दावा किया कि साउथ कोरिया, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में जितना कुल रेलवे ट्रैक है, उससे अधिक रेलवे ट्रैक भारत में पिछले एक साल में बिछाया गया है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका, यूक्रेन, पोलैंड, यूके और स्वीडन जैसे देशों में जितना रेल नेटवर्क है, उससे ज्यादा रेल ट्रैक हमारे देश में पिछले 9 सालों में बिछाया गया है।
यह योजना अगले तीस साल को ध्यान में रखकर बनाई गई है ताकि आने वाले समय में समस्याओं से बचा जा सके। इस योजना के तहत रेलवे स्टेशनों को सिटी सेंटर के रूप में डेवलप किया जाएगा। इस योजना के तहत मध्य प्रदेश में रानी कमलापति, गुजरात में गांधीनगर और कर्नाटक में सर एम विश्वेश्वरैया रेलवे स्टेशन को अपग्रेड किया जा चुका है। इन स्टेशनों की इमारतों का डिजाइन स्थानीय संस्कृति से प्रेरित होगा तथा उसे स्थानीय धरोहरों के प्रतीकों के यादगार के स्मृति स्वरुप भी नया लुक दिया जायेगा। वही, इन स्टेशनों की बिल्डिंग का डिजाइन स्थानीय संस्कृति, विरासत और आर्किटेक्चर के हिसाब से होगा। योजना में उन छोटे स्टेशनों को भी शामिल किया गया है, जहां यात्रियों की संख्या ज्यादा है, लेकिन डेवलपमेंट कम हुआ है।
स्टेशनों पर ये सुविधाएं दी जाएंगी:-
· स्टेशन के दोनों तरफ से प्लेटफार्म पर यात्रियों की एंट्री और एग्जिट की सुविधा।
· स्टेशन की बिल्डिंग में सुधार किया जाएगा।
· स्टेशन पर ऑटोमेटिक सीढ़ियां बनाई जाएंगी।
· बेहतर लाइट की व्यवस्था की जाएगी।
· पार्किंग की सुविधा में सुधार किया जाएगा।
· स्टेशन पर ग्रीन और रिन्यूएबल एनर्जी का इस्तेमाल होगा।
· रूफ प्लाजा की व्यवस्था की जाएगी, जिससे यात्रियों को ट्रेन के इंतजार करने में परेशानी न हो।
· रेलवे स्टेशनों को मेट्रो और बस स्टैंड से जोड़ा जाएगा।