भारत खरीदेगा अमेरिकी आर्म्ड ड्रोन MQ-9

आनंद दुबे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे पर बहुत कुछ बड़ा होने वाला है। ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरे पर कई ऐसे अहम् मुद्दों पर समझौते होंगे जो भारत के लिए मील का पत्थर साबित होगा। इसी में से एक महत्वपूर्ण सौदा होना है ड्रोन- 30 MQ-9 का, जो भारत के हिसाब से ख़ासा महत्त्व रखता है। भारत इस ड्रोन को पिछले कई सालों से पाने की जद्दोजहद कर रहा था लेकिन कामयाबी नहीं मिल पा रही थी। अब जाकर रक्षा खरीद परिषद ने आर्म्ड ड्रोन MQ-9 प्रीडेटर की खरीद को मंजूरी दे दी है। अब इसे आखिरी मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से मिलनी है। तीन बिलियन डॉलर में 30 MQ-9 ड्रोन अमेरिका से लिए जाएंगे। आर्मीएयरफोर्स को 8-8 और नेवी को 14 ड्रोन मिलेंगे। अमेरिकी दौरे के दौरान प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी इस डील को मंजूरी दे सकते हैं।

इस ड्रोन को पूरी दुनिया हंटर किलर ड्रोन के रूप में जानती है और इसका खौफ दुनिया के सभी देशों में है। यह ड्रोन हर प्रकार के मौसम में 30 घंटे से अधिक समय तक सैटेलाइट के सहारे उड़ान भर सकता है। यह ड्रोन इन-बिल्ट वाइड-एरिया मैरीटाइम रडारऑटोमेटिक आईडेंटिफिकेशन सिस्टमइलेक्ट्रॉनिक सपोर्ट मेजर्स और एक सेल्फ कंटेन्ड एंटी सबमरीन वॉरफेयर यानी ASW किट से लैस है। यह ड्रोन 2721 किलोग्राम की मिसाइलों को लेकर उड़ान भर सकता है। 40 हजार फीट से अधिक की ऊंचाई पर उड़ने के कारण दुश्मन इस ड्रोन को आसानी से पकड़ नहीं पाते हैं। इसमें दो लेजर गाइडेड एजीएम-114 हेलफायर मिसाइलें लगाई जा सकती हैं। इसे ऑपरेट करने के लिए दो लोगों की जरूरत होती है।

रक्षा खरीद परिषद ने आर्म्ड ड्रोन MQ-9 प्रीडेटर की खरीद को मंजूरी दे दी है। अब इसे आखिरी मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से मिलनी है। रिपोर्टों में बताया गया है कि भारत इन ड्रोन को यूएस फॉरेन मिलिट्री सेल्स रूट से खरीदेगा। डील होते ही भारत ये लड़ाकू ड्रोन पाने वाल पहला गैर NATO देश बन जाएगा। भारत लंबे समय से अमेरिका से बड़े स्तर पर लड़ाकू ड्रोन खरीदने में इंटरेस्ट दिखाता आ रहा हैलेकिन लाल फीताशाही ने MQ-9 प्रीडेटर ड्रोन के सौदे में बाधा पैदा की। इस वजह से इसकी कीमत 2 बिलियन डॉलर से बढ़कर 3 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। भारत के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर यानी NSA अजीत डोभाल ने बुधवार को अमेरिकी NSA जेक सुलिवन के साथ द्विपक्षीय बैठक की थी। वहीं गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल यानी DAC ने इस डील के लिए मंजूरी दे दी है।

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