जब कर्मचारियों में बांट दी ₹6000 करोड़ की दौलत।

शशिकान्त दुबे

दुनिया के ऐसे व्यापारी और कंपनियां है जो अपने हिस्से को लोगन या कर्मचारियों के बीच बांटती रहती है। कोई सामाजिक कामों के लिए दान करता है तो कोई प्राकृतिक आपदा मेंलेकिन आज जिस कारोबारी के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसने अपने कर्मचारियों के लिए अपनी पूरी संपत्ति दान कर दी। कलयुग के इस दानवीर कर्ण ने अपनी सारी संपत्ति दान कर दी। श्रीराम ग्रुप के फाउंडर आर त्यागराजन ने अपनी सारी संपत्ति अपने कर्मचारियों को दान कर दी। श्रीराम ग्रुप के फाउंडर आर त्यागराजन का जन्म तमिलनाडु के एक किसान परिवार में हुआ। गणित में ग्रेजुएशन करने के बाद उन्होंने कोलकाता के भारतीय सांख्यिकी संस्थान से मास्टर की डिग्री हासिल की। साल 1961 में उन्होंने न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी ज्वाइन कर लिया। करीब 20 सालों तक नौकरी करने के बाद उन्होंने अपना काम शुरू करने का फैसला किया। साल 1974 में दो दोस्तों के साथ मिलकर उन्होंने श्रीराम ग्रुप की शुरुआत की। कंपनी की शुरुआत चिट फंड बिजनेस के तौर पर हुईलेकिन बाद में उन्होंने लोन और इंश्योरेंस की ओर अपना कारोबार बढ़ाना शुरू किया।

हाल ही में ब्लूमबर्ग को दिए एक इंटरव्यू में 86 साल के त्यागराजन ने कहाउन्होंने अपनी 750 मिलियन डॉलर यानी करीब 6 हजार करोड़ रुपये की दौलत दान कर दी। उन्होंने एक छोटा सा घर और एक कार छोड़कर अपनी सारी दौलत अपने कर्मचारियों को दान कर दिया। उन्होंने कहा कि मैंने अपनी पूरी हिस्सेदारी कर्मचारियों के एक ग्रुप को दे दी है। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों के जीवन से कुछ खुशियां लाना चाहता थाजो मुश्किलों में उलझे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे पैसों की जरूरत नहीं है। मुझे पहले भी पैसों की जरूरत नहीं थीन अब है। उनका अधिकांश वक्त संगीत सुनने और विदेशी बिजनेस मैगजीन पढ़ने में बीतता है। भारत की प्रमुख नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी में से एक श्रीराम ग्रुप व्हीकल के लिए भारत के गरीबों को लोन देती है। जरूरतमंद लोगों को लोन देती है। लोन के अलावा इंश्योरेंस करती है। कंपनी ने अब तक 1,08,000 लोगों को रोजगार दिया है।

उन्होंने इस इंटरव्यू के दौरान कहा कि मैंने अपने कर्मचारियों की सैलरी बाजार की तुलना में कम रखा। हमने उन्हें उतना ही दियाजितने में वो खुद को खुश रख सकें। उन्होंने कहा कि हमारे स्टाफ इस व्यवस्था से खुश हैं। इंटरव्यू में उन्होंने कहा मैं अपने पास मोबाइल फोन नहीं रखताक्योंकि मुझे लोगों से जुड़े रहना पसंद है। उन्होंने सालों तक हैचबेक चलाई। उन्होंने अपने परिवार को अपने कारोबार से अलग रखा। उन्होंने अपने परिवार से किसी भी सदस्य को कंपनी के मैनेजमेंट टीम या लीडरशिप पोजीशन में जगह नहीं दी। उनके बेटे टी शिवरमन इंजीनियर हैं। छोटे बेटे सीए हैं और श्रीराम ग्रुप में बतौर कर्मचारी काम करते हैं। कंपनी के लाभ की बात करें तो उनकी कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2024 की पहली तिमाही में 1675 करोड़ का प्रॉफिट हासिल किया।

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