चाय चूस लेती है शरीर का आयरन।

शिल्पी दुबे

देश में लोगों के लिए चाय की चुस्कियों का मजा कुछ अलग ही होता है। यही कारण है कि चाय दुनियाभर में सबसे पसंदीदा पेय में से एक है। जबकि इस बाबत भारी मतभेद है कि यह शरीर के लिए फायदेमंद होती है या नुकसानदायकऔर इसपर लंबे समय से रिसर्च भी हो रहा है। कुछ अध्ययन मानते हैं कि संयमित मात्रा में चाय पीना शरीर के लिए फायदेमंद हो सकता हैहालांकि इसकी अधिकता कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ाने वाली भी हो सकती है। अगर आप रोजाना अधिक मात्रा में चाय पीते हैं तो इसके कारण चिंतानींद की समस्या और सिरदर्द जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। शोध में पाया गया कि चाय में मौजूद यौगिकशरीर में कुछ प्रकार के पोषक तत्वों के अवशोषण को प्रभावित करने वाले हो सकते हैंइसमें आयरन प्रमुख है। चाय के जिन दुष्प्रभावों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा होती हैउनमें आयरन पर होने वाले प्रभाव प्रमुख हैं। शोधकर्ताओं ने अध्ययन में पाया कि चायटैनिन नामक यौगिकों का एक समृद्ध स्रोत है। टैनिन कुछ खाद्य पदार्थों में आयरन के साथ बाइंड हो जाता हैजिससे यह आपके पाचन तंत्र में आयरन के अवशोषण को प्रभावित कर सकता है। शरीर में आयरन की कमी होने के कारण एनीमिया का खतरा होता हैजिसके कारण थकान-कमजोरी सहित कई समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में जिन लोगों में पहले से ही आयरन की कमी है उन्हें चाय का सेवन कम करना चाहिए। अन्य नुकसान भी होते हैं-

·         चूंकि चाय में प्राकृतिक रूप से कैफीन होती हैइसलिए इसका अधिक सेवन आपके नींद के चक्र को बाधित कर सकता है। शोध से पता चलता है कि कैफीन मेलाटोनिन उत्पादन को रोक सकता हैजिसके परिणामस्वरूप नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है। मेलाटोनिन एक हार्मोन है जो आपके मस्तिष्क को संकेत देता है कि सोने का समय हो गया है।

·         चाय में मौजूद कैफीन के कारण आपको हार्ट-बर्न की भी समस्या होने लगती है। शोध से पता चलता है कि कैफीन के कारण पेट में एसिड का उत्पादन बढ़ जाता हैजिसके कारण एसिड रिफलक्स और हार्ट बर्न की दिक्कत हो सकती है। शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि जिन लोगों को अक्सर हार्ट बर्न या फिर पेट की समस्याएं रहती हैंअगर वह कैफीन का अधिक सेवन करते हैं तो इसके कारण लक्षण बिगड़ने का खतरा हो सकता है।

·         गर्भावस्था के दौरान कैफीन का उच्च स्तर आपकी जटिलताओं को बढ़ाने वाली हो सकती हैइसमें गर्भपात से लेकर जन्म के समय शिशु के वजन में कमी तक की भी समस्या का खतरा रहता है। गर्भावस्था के दौरान कैफीन के जोखिमों को लेकर स्पष्ट पर डेटा नहीं है और यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि कितना सुरक्षित हैहालांकि अधिकांश शोध बताते हैं कि यदि आप अपने दैनिक कैफीन का सेवन 200-300 मिलीग्राम से कम रखती हैं तो जटिलताओं का जोखिम अपेक्षाकृत कम रहता है।

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