चीन का जीरो ग्रेविटी में प्रजनन की संभावना पर रिसर्च।

राजनीति टाइम्स, नई दिल्ली

अंतरिक्ष में चीन का तियांगोंग स्पेस स्टेशन बनकर तैयार हो गया है। इसी के साथ चीन ने इसमें एक बड़ा प्रयोग करने की योजना भी बना ली हैजो आने वाले कुछ समय में देखने को मिल सकती है। दरअसलचीन की स्पेस एजेंसी अंतरिक्ष की जीरो ग्रेविटी में लाइफ साइंस पर रिसर्च करने जा रही है। इसके लिए उन्होंने बंदरों को स्पेस में भेजने का फैसला लिया है। एजेंसी बंदरों को स्पेस में भेजकर ये पता लगाने वाली है कि यहाँ प्रजनन संभव है या नहीं। बता देंचीन ने इस मिशन की तारीख का अभी ऐलान नहीं किया हैलेकिन उनके द्वारा इससे जुड़ी जानकारी साँझा की गयी है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिकचीन अंतरिक्ष में प्रजनन पर रिसर्च करने का प्लान बना रहा हैइसके लिए वह बंदरों को वहां भेजेगा। बीजिंग की चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा इस प्रोजेक्ट को लीड किया जा रहा है। प्रोजेक्ट के लिए एकेडमी वेंटियन नाम के कैप्सूल तैयार कर रही हैइसी में प्रयोग को अंजाम दिए जाने की संभावना जताई जा रही है।

चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के रिसर्चर झांग लू ने बताया कि चूहों और अफ्रीकी बंदरों पर स्टडीज की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि वे अंतरिक्ष में कैसे प्रजनन करते हैं और अपनी आबादी कैसे बढ़ाते हैं। इस स्टडी से हमें अंतरिक्ष के वातावरण में जानवरों के बर्ताव में बदलाव और प्रजनन से जुड़े पहलुओं को समझने में मदद मिलेगी। इससे पहले भी अंतरिक्ष में कई जीवों को भेजा जा चुका है। मसलन, स्पेस में जाने वाली सबसे पहली जीव एक मधुमक्खी थीं। अंतरिक्ष में जीव की बायोलॉजी पर क्या प्रभाव पड़ता हैयह जानने के लिए मधुमक्खी को यहाँ भेजा गया था। 1942 मेंपहली बार नासा ने एक बंदर को स्पेस में भेजा थालेकिन स्पेस स्टेशन पहुंचने से पहले ही उसकी दम घुटकर मौत हो गयी थी। इसके बाद 1948 में बंदर भेजा गयाजो स्पेस में सही सलामत पहुंच तो गया था लेकिन वहां से लौटते समय उसकी मौत हो गयी। 1951 में फिर से कुछ बंदरों को स्पेस भेजा गया थावो धरती पर वापस भी आ गए थेलेकिन लौटने के कुछ घंटो बाद उनकी मौत हो गयी थी। वहीँ, 1957 में सोवियत संघ ने एक फीमेल डॉग को पहली बार स्पेस में भेजा थाजिसकी वहां पहुंचने के कुछ घंटों के बाद ही मौत हो गयी थी। बंदरों के बाद 1961 में नासा ने एक चिम्पैंजी को स्पेस में भेजाउसे पृथ्वी पर लौटने के बाद कुछ नहीं हुआ। इसके बाद ही पहली बार नासा की तरफ से एस्ट्रोनॉट एलन बी शेपर्ड स्पेस में गए थे।

आनंद कुमार दुबे

Leave A Reply

Your email address will not be published.