पश्चिम एशिया में तनाव, अमेरिका ने तैनात किए युद्धपोत।

शशिकांत दुबे

अमेरिका और ईरान के बीच तनाव कोई एक नई घटना नहीं है बल्कि यह सालों से चलता रहा है लेकिन अब यह तनाव बहुत गहराता जा रहा है। बाइडन प्रशासन ने हजारों की तादाद में सैनिकएफ-35 फाइटर जेट और किलर मिसाइलों से लैस युद्धपोत को फारस की खाड़ी में तैनात किया है। अमेरिका के इस फैसले से यह साफ हो गया है कि अमेरिकी युद्ध का दौर भले ही खत्म हो गया हो लेकिन ईरान के साथ उसका विवाद तेजी से बढ़ता जा रहा है। अमेरिका और ईरान के बीच विवाद की बड़ी वजह ईरान का परमाणु कार्यक्रम है जिसका कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। यही नहीं अमेरिका अब ईरान को रोकने के लिए व्यावसायिक जहाजों पर भी हथियारबंद सैनिकों को तैनात करने पर विचार कर रहा है। अमेरिका और इजरायल को संदेह है कि ईरान परमाणु बम बनाने की कोशिश कर रहा है। ईरान अक्सर अमेरिका के खाड़ी के मित्र देशों के व्यावसायिक जहाजों को जब्त कर ले रहा है। इससे अमेरिका और उसके दोस्त देश परेशान हैं। अब अमेरिका ने इस संकट से निपटने के लिए हजारों की तादाद में सैनिक और युद्धपोत यूएसएसएस बतान को खाड़ी में भेजा है। इसके अलावा अमेरिका ने अपने सबसे घातक स्टील्थ फाइटर जेट एफ-35 और अन्‍य लड़ाकू विमान भी भेजे हैं।

अमेरिका ने यह फैसला तब किया है जब वह चीन और रूस पर अपना फोकस बढ़ाना चाहता है। अमेरिकी सेना अब ईरान को रोकने के लिए होर्मुज की खाड़ी में नागरिक जहाजों पर सैनिकों को तैनात करने पर विचार कर रही है। ईरान परमाणु डील पर अपनी बात को मनवाने के लिए इन नागरिक जहाजों को जब्त कर रहा है। इन अमेरिकी सैनिकों की तैनाती से या तो ईरान हिम्मत नहीं कर पाएगा या फिर अमेरिका के साथ उसका तनाव और बढ़ने जा रहा है। अमेरिका की कोशिश थी कि वह खाड़ी से निकले लेकिन ईरान के परमाणु हथियार बनाने लायक यूरेनियम संवर्द्धन करने के करीब पहुंचने के बाद उसे फिर से लौटना पड़ा है। इससे पहले साल 2015 में ईरान के साथ हुई सिविल न्यूक्लियर डील खटाई में पड़ गई थी। अब इसके जल्‍द बहाल होने की कोई संभावना नहीं दिखाई दे रही है। बेहद संकरी होर्मुज की खाड़ी से दुनिया का 20 फीसदी तेल गुजरता है जिससे यह रणनीतिक रूप से बेहद अहम इलाका है। ईरान के कट्टरपंथी लगातार लगातार शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। ईरान अब अमेरिकी प्रतिबंधों का कड़ा जवाब देने लगा है और जहाजों को जब्त कर रहा है। यह अमेरिका के लिए बड़ी चेतावनी माना जा रहा है।

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