सऊदी अरब बना सकता है परमाणु बम!

विश्व में एक नई बहस छिड़ गई है कि क्या सऊदी अरब परमाणु बम बनाने की फ़िराक में है? इस बात की जानकारी इजरायल के एक विशेषज्ञ की तरफ से सऊदी अरब के परमाणु कार्यक्रम पर दी गई है और कहा है कि सऊदी अरब के इरादे परमाणु ताकत को लेकर ठीक नहीं हैं। इस अधिकारी की मानें तो सऊदी अरब की तरफ से परमाणु प्‍लांट की मांग को मंजूरी दिए जाना इस क्षेत्र के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। सऊदी अरब इजरायल के साथ एक सामान्य समझौते के तहत इस प्‍लांट के तहत मंजूरी मांगी गई है। इस अधिकारी की मानें तो सऊदी अरब की यह मांग अंतरराष्ट्रीय शांति को जोखिम में डाल सकती है। साथ ही खाड़ी क्षेत्र में परमाणु रेस के लिए जिम्मेदार हो सकती है। यह ख़बर इस आधार पर कही जा रही है कि सऊदी अरब की शर्त जो अमेरिका के सामने राखी गई है वह कुछ ऐसा ही बताती है। सऊदी अरब की मुख्य शर्तें हैं, मसलन- अमेरिका की एडवांस्‍ड डिफेंस टेक्‍नोलॉजी जैसे कि थाड मिसाइल सिस्‍टम तक पहुंच हासिल होनाअमेरिका के साथ एक रक्षा गठबंधन की स्‍थापना और असैन्‍य मकसद से एक परमाणु प्‍लांट की मंजूरी। परमाणु प्‍लांट में यूरेनियम को संवर्द्धित किया जाता है और इससे ही परमाणु बम बनता है। इसलिए सऊदी अरब की मांग थोड़ा आशंकित करने वाली है। सऊदी अरब की आखिरी शर्त पर इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) तजाची हानेग्बी ने कहा है कि परमाणु प्‍लांट के लिए इजरायल की मंजूरी जरूरी नहीं है।

उन्होंने कान पब्लिक ब्रॉडकास्‍टर से कहा, ‘दर्जन भर देश असैन्य परमाणु कार्यक्रमों का संचालन कर रहे हैं। इसकी वजह से इजरायल या फिर उसके पड़ोसी खतरे में नहीं आएंगे।‘ उनका कहना है कि यह मुद्दा पूरी तरह से अमेरिका और सऊदी अरब के बीच होगा। वहीं लेविटे की मानें तो एनर्जी प्रोडक्शन के लिए परमाणु रिएक्टर में तब तक कोई समस्या नहीं आती है जब तक कि उनका उचित रखरखाव किया जाता है। हालांकि उन्होंने आगाह भी कियाकि अगर किसी तरह से सुरक्षा विफल होती है तो फिर पर्यावरण पर भारी असर पड़ सकता है। उन्होंने चेरनोबिल और फुकुशिमा का उदाहरण दिया है। उनका कहना था कि अगर सऊदी अरब एक रिएक्टर बनाता है तो वह सिर्फ इसे लाल सागर के करीब ही निर्मित करेगा। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि एक रिएक्टर को ठंडा करने के लिए बड़ी मात्रा में पानी की जरूरत होती है। लेकिन अगर वहां कोई आपदा या आतंकवादी हमला होता है तो यह कोई साधारण बात नहीं होगी। इसका असर इजरायल समेत पूरे मिडिल ईस्‍ट पर पड़ेगा। लेविटे ने कहा कि इजरायल एक नागरिक रिएक्टर को मिलिट्री मकसद के लिए परिवर्तित किए जाने की आशंका को लेकर भी चिंतित है।

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