घोर उपेक्षा का शिकार झुंझुनूं का “दादी सती” मंदिर।

मुकेश झुंझुनवाला, राजनीति टाइम्स

दुनिया का सबसे बड़ा सती मंदिर जो “रानी सती दादी” के नाम से मशहूर हैं, राजस्थान के झुंझुनू जिले में स्थित है और यह झुंझुनू शहर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है।बाहर से देखने में यह मंदिर किसी राज महल सा दिखाई देता है। पूरा मंदिर संगमरमर से निर्मित है और इसकी बाहरी दीवारों पर शानदार रंगीन चित्रकारी की गई है। इस मंदिर में दक्षिण भारतीय शैली की एक झलक दिखाई देती है। वही, यह मंदिर बहुत ही बड़े परिसर में फैला हुआ है और बहुत ही खूबसूरत मंदिर है इस मंदिर देशभर से श्रद्धालु प्रतिवर्ष दर्शन करने के लिए आते हैं।
दूसरी तरफ, यह मंदिर आज घोर उपेक्षा का शिकार है। स्थानीय प्रशासन का अछूत व्यवहार, नगरपालिका की अमानवीय लापरवाही से आसपास दुर्गंध की सड़ांध और बजबजाती नालियां ही आपका स्वागत करेंगी? राजनीति टाइम्स ब्यूरो मुकेश झुनझुनवाला जब दादी मां के दर्शन करने गए तो उन्हें ऐसे ही विषम परिस्थितियों से सामना पड़ा। स्थानीय प्रशासन के लोगों से शिकायत पर कोई कार्यवाई नहीं होता देख सोशल मीडिया और दिल्ली में गुहार लगाने की ठानी। वे तो राज्य सरकार की लापरवाही से भी बेहद खफा हुए और मुख्यमंत्री को भी ज्ञापन भेजा है। अंततः दिल्ली में पर्यटन और संस्कृति मंत्रालयों से भी अपील की है कि इस ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व के मंदिर को एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल के रूप में चिंहित कर युद्धस्तर पर कार्य किया जाय।
आपकों जानकर आश्चर्य होगा कि यह मंदिर सम्मान, ममता और स्त्री शक्ति का प्रतीक है भक्त यहां प्रार्थना करने के साथ-साथ “भाद्रपद माह” की अमावस्या पर आयोजित होने वाले धार्मिक अनुष्ठान में भी हिस्सा लेते हैं।रानी सती का मंदिर लगभग 400 साल पुराना है। यह मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में एक है। झुंझुनू वाली नारायणी दादी का 750 वर्ष पूर्व इस धरा पर अवतरण हुआ था। बताते हैं कि पूर्व जन्म में नारायणी देवी द्वापर युग के महाभारत में श्री कृष्ण भगवान के मित्र अर्जुन के पुत्र अभिमन्यु की पत्नी उत्तरा थी। जब अभिमन्यु महाभारत युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए तब उत्तरा ने  श्री कृष्ण से अपने पति के साथ जाने की इजाजत मांगी। तब श्री कृष्ण ने कहा कि तुम्हारे गर्भ में पल रहा पुत्र कलयुग का राजा परीक्षित होगा।
उन्हीं का वंशज कलयुग में बड़ा नाम करेगा। आप जानते हैं कि माता रानी सती का नाम मां नारायणी है। नारायणी का जन्म हरियाणा के अग्रवाल परिवार के बेहद संपन्न धनकुबेर सेठ श्री गुरुस्माल जी गोयल के घर में हुआ। सेठ  गुरुस्माल जी के घर एक बड़ी ही प्यारी कन्या ने जन्म लिया जिसके चेहरे पर एक अजीब सा तेज था। सेठ जी का घर खुशियों से भर गया बड़ी खुशियां मनाई गई। सभी ने प्यार से इस कन्या का नाम नारायणी बाई रखा। यहीं दादी सती मां हैं।
Leave A Reply

Your email address will not be published.