भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में भाड़े के आतंकियों को चुन-चुन कर निपटा रही है। यहीं कारण है कि राज्य अब अमन-चैन की और तेजी से बढ़ रहा है। राज्य मुस्लिम बाहुल्य जनता भी अब सेना का खुलकर साथ दे रही है क्योंकि उन्हें यह पता चल गया है कि उनका हित राज्य की शांति और विकास में है। ताजा घटनाक्रम में सेना ने जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में शुक्रवार (16/06/23) को आतंकियों के साथ भीषण मुठभेड़ में 5 विदेशी दहशतगर्दों को मार गिराया है। जम्मू-कश्मीर के एडिसनल डीजीपी विजय कुमार ने बताया कि इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है। कुपवाड़ा सेक्टर में इस साल घुसपैठ की यह पहली बड़ी कोशिश है। जम्मू-कश्मीर की जोन पुलिस ने ट्वीट कर बताया कि कुपवाड़ा जिले के एलओसी से लगे जुमागुंड एरिया में पुलिस को आतंकियों के घुसपैठ का इनपुट मिला था। इसके बाद सेना और पुलिस की कम्बाइंड टीम ने सर्च ऑपरेशन में इन पांचों आतंकियों को ढेर कर दिया। समाचार लिखे जाने तक सर्च ऑपरेशन जारी था। इससे पहले 13 जून को कुपवाड़ा जिले में ही एलओसी से लगे दोबनार मच्छल इलाके में सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गए थे।
प्राप्त सूचना के अनुसार जम्मू-कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठनों ने अपने ओवर ग्राउंड वर्कर्स के रूप में महिलाओं, लड़कियों और नाबालिग बच्चों का फिर से इस्तेमाल शुरू कर दिया है। वे इनसे हथियार, मैसेज और ड्रग्स की सप्लाई भी करवा रहे हैं। चिनार कॉर्प्स के लेफ्टिनेंट जनरल अमरदीप सिंह औजला ने यह जानकारी दी है। जम्मू कश्मीर के करमारा सेक्टर में LOC के पास भारतीय सेना ने तीन आतंकवादियों को पकड़ा। ये तीनों 30 मई की रात खराब मौसम और बारिश का फायदा उठाकर भारतीय सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। सेना के जवानों ने फेंसिंग क्रॉस कर रहे तीनों आतंकियों पर फायरिंग की। 20 अप्रैल को आतंकवादियों ने पुंछ में सेना के काफिले को निशाना बनाकर हमला किया था जिसमें 5 जवान शहीद हो गए थे। ग्रेनेड अटैक और फायरिंग से ट्रक में आग लग गई थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली थी। उसने इसके बाद फिर से हमला करने की धमकी भी दी थी।