केजरीवाल ने 7 अफसरों को थमाया नोटिस।

शशिकांत दुबे

दिल्ली सरकार और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल ने शीश महल घोटाले में अपने को बचाने के लिए उन अधिकारियों को ही नोटिस थमा दिया है जो इसकी जांच में शामिल हैं। नए घटनाक्रम में दिल्ली सरकार के विजिलेंस डिपार्टमेंट ने PWD के 7 अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर की मरम्मत के खर्च को लेकर यह नोटिस जारी किया गया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। यह नोटिस भाजपा द्वारा केजरीवाल पर घर की मरम्मत में 45 करोड़ रुपए खर्च करने के आरोप के बाद दिया गया है। नोटिस के मुताबिक, CM केजरीवाल के बंगले के पुराने ढांचे को बिना सर्वे रिपोर्ट के ढहा दिया गया था। PWD ने नए भवन के निर्माण के लिए किसी भवन योजना की मंजूरी भी नहीं ली थी। मुख्यमंत्री के घर का निर्माण उनके अधिकारों का उल्लंघन कर किया गया है। उनका घर मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत तय पैरामीटर से बहुत बड़ा है। इन सभी आरोपों का विस्तार से जवाब देने के लिए PWD के अधिकारियों को 15 दिन का समय दिया गया है।

12 मई को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने घर के खर्च को लेकर LG को रिपोर्ट सौंपी थी। 12 मई को विजिलेंस डिपार्टमेंट ने केजरीवाल के बंगले और इसके कैम्पस में बने ऑफिस के रेनोवेशन को लेकर उपराज्यपाल विनय सक्सेना को एक रिपोर्ट सौंपी थी। उन्होंने बताया था कि बंगले पर 52.71 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। न्यूज एजेंसी PTI ने रिपोर्ट के हवाले से बताया था कि केजरीवाल के घर पर 33.49 करोड़ रुपए खर्च हुए थेवहीं 19.22 करोड़ रुपए उनके ऑफिस पर खर्च हुए। उनके पुराने बंगले को गिराकर नया बंगला बनाया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2020 में तत्कालीन PWD मिनिस्टर ने केजरीवाल के बंगले (6, फ्लैग स्टाफ रोड) में बदलाव का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने कहा था कि बंगले में एक ड्राइंग रूमदो मीटिंग रूम और 24 लोगों की क्षमता वाला एक डाइनिंग रूम बनना चाहिए। इसके लिए बंगले की दूसरी मंजिल बनाने का प्रस्ताव था।

हालांकिदिल्ली सरकार के पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट (PWD) ने कहा था कि बंगले को तोड़कर उसी परिसर में नया बंगला बनाया जाना चाहिए। PWD ने कहा कि बंगला 1942-43 के दौरान बना था। इसे बने 80 साल हो गए हैं इसलिए इसके ऊपर नई मंजिल बनाना सही नहीं होगा। PWD ने कहा कि उसी परिसर में नया बंगला बनना चाहिए। उसके पूरा बनने के बाद केजरीवाल उसमें शिफ्ट हो जाएंगे और पुराने बंगले को गिरा दिया जाएगा। इस सलाह के आधार पर ही वहां नया बंगला बनाया गया। भाजपा ने CM आवास के रेनोवेशन में गड़बड़ी होने का आरोप लगाया था। इसके बाद उपराज्यपाल ने अप्रैल में चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार को आदेश दिया था कि मामले से संबंधित फाइलों को सुरक्षित रखा जाए और उन्हें एक फेक्चुअल रिपोर्ट सबमिट की जाए।

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