एक विद्यार्थी ने कॉलेज को ₹315 करोड़ दिए दान।

आनंद कुमार दुबे

अब तक के भारत के इतिहास में यह पहला ऐसा उदाहरण है जब किसी पूर्व छात्र में अपने पूर्ववर्ती कॉलेज को 315 करोड़ रूपये दान में दिए। ऐसा कारनामा कारने वाले हैं इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलेकणि। नंदन नीलेकणि ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) बॉम्बे को 315 करोड़ रुपए दान किए हैं। नीलेकणि ने यह डोनेशन इंस्टीट्यूशन से पास आउट होने के 50 साल पूरे होने पर किया। उन्होंने खुद सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी दी। नीलेकणि इससे पहले भी IIT बॉम्बे को 85 करोड़ रुपए दान कर चुके हैं। उनके दोनों डोनेशन को जोड़ें तो यह राशि 400 करोड़ रुपए होती है। यह देश के किसी भी इंस्टीट्यूशन को उसके किसी पूर्व छात्र द्वारा दिया गया अब तक का सबसे बड़ा डोनेशन है।

दूसरी तरफ़, IIT बॉम्बे ने 20 जून को एक प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि नीलेकणि के दान का उद्देश्य वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देना है। साथ ही इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में रिसर्च को प्रोत्साहित करना है। IIT बॉम्बे में एक बेस्ट टेक स्टार्टअप इकोसिस्टम को डेवलप करने में हम इस राशि का इस्तेमाल करेंगे। जबकि नंदन नीलेकणि ने कहा कि IIT बॉम्बे मेरे जीवन की आधारशिला रहा है। इस इंस्टीट्यूशन ने मेरे शुरुआती सालों को आकार दिया और मेरी जर्नी की नींव रखी है। मैं इस प्रतिष्ठित संस्थान के साथ अपने जुड़ाव के 50 साल पूरे होने का जश्न मना रहा हूं। मैं आगे बढ़ने और इसके भविष्य में योगदान देने के लिए आभारी हूं। नीलेकणि ने 1973 में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री हासिल करने के लिए IIT बॉम्बे में एडमिशन लिया था।

नीलेकणि ने आगे कहा- ‘IIT बॉम्बे को यह डोनेशन सिर्फ एक फाइनेंशियल कॉन्ट्रीब्यूशन नहीं है। यह उस जगह के लिए मेरा एक ट्रिब्यूट हैजिसने मुझे बहुत कुछ दिया है और उन छात्रों के प्रति कमिटमेंट हैजो कल हमारी दुनिया को आकार देंगे’। इस डोनेशन के लिए नीलेकणी और IIT बॉम्बे के डायरेक्टर प्रोफेसर सुभाशीस चौधरी ने बेंगलुरु में मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग पर साइन किए। चौधरी ने कहा कि यह ऐतिहासिक डोनेशन IIT बॉम्बे को ग्लोबल लीडरशिप के मार्ग पर मजबूती से स्थापित करेगा। हम इंस्टीट्यूट में हमारे शानदार छात्र नंदन नीलेकणि के कंट्रीब्यूशन से बेहद खुश हैं।

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