शरीफ के पाले में आर्मी और न्यायपालिका भी!।

शशि कान्त दुबे

पाकिस्तान का आतंरिक उथल-पुथल थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। आज साफ़ है कि आम चुनाव के पहले पाकिस्तान में सेना सबकुछ अपने नियंत्रण कर लिया है और वह शरीफ बंधु के साथ में खड़ी हैं। अतः अब यह साफ हो गया है कि पाकिस्तान के सबसे लोकप्रिय नेता इमरान खान जेल में ही रहेंगे और एक के बाद एक मुकदमों में उलझे रहेंगे। दूसरी ओर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ चार साल के बाद अगले महीने देश वापस लौटेंगे। IMF के लोन की शर्त के मुताबिक नवंबर 2024 के पहले चुनाव कराने होंगेलेकिन चुनाव आयोग ने जनगणना का मुद्दा उठा दिया है। इस बीच राष्ट्रपति ने शरीफ को आज केयरटेकर PM घोषित करने को कहा है। सेना चुनाव को आगे बढ़ाने के लिए IMF को राजी करना चाहती है। इसके लिए वह पिछले दरवाजे से अमेरिका की मदद लेकर कूटनीति का सहारा भी ले सकती है। सेना का मानना है कि देश को शरीफ बंधु (खासकर नवाज शरीफ) ही संकट से निकाल सकते हैं। 16 सितंबर को चीफ जस्टिस बंदियाल के रिटायर होने के बाद ही नवाज वापस आएंगे।

अब आम जनता तो पूरी तरह से सेना के काबू में है हीसाथ में न्यायपालिका भी सेना के अनुसार ही चल रही है। जानकारों का कहना है कि सेना राजनीतिक नेतृत्व के हमलों पर तो संयम रख सकती है। नवाज शरीफ और जरदारी के विरोध को तो सेना ने बर्दाश्त कर लियालेकिन सेना कभी आम जनता से अपनी सत्ता को चुनौती बर्दाश्त नहीं कर सकती। इसी के चलते इमरान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को हुए उपद्रवों के बाद हजारों इमरान समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया गया। इमरान 3 महीने में अपनी सजा नहीं बदलवा सकते केवल किसी तरह बाहर आ सकते हैं, चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। वे महज जमानत पर छूट कर अपने घर से पार्टी ही चला सकेंगे। 2018 के चुनाव में जो सेना इमरान को सत्ता में लेकर आईवे उसी से सीधे टकरा गए। यह उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक भूल थी जो अब वो कभी सुधार नहीं सकते है। बल्कि इमरान के सामने अब केवल एक ही विकल्प बचा है। सेना प्रमुख असीम मुनीर के रिटायर होने का इंतजार करें और दुआएं करें कि उनका कार्यकाल और न बढ़े। सेना प्रमुख मुनीर नवंबर 2025 तक पद पर हैं।

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