भगोड़े नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ।

राजनीति टाइम्स, नई दिल्ली

देशवासियों को जल्द मिलने वाली है एक बड़ी खुशख़बरी जब भगोड़े नीरव मोदी को जल्द ही भारत लाया जा सकेगा। बुधवार (09/11/22) को लंदन के उच्च न्यायालय ने व्यापारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण का आदेश दिया। बता दें कि लॉर्ड जस्टिस जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और जस्टिस रॉबर्ट जेजिन्होंने इस साल की शुरुआत में अपील की सुनवाई की अध्यक्षता कीने यह फैसला सुनाया है। उसे वापस लाने के लिए भारतीय एजेंसियों ने सरकारी और कानूनी स्तर पर अर्जी दायर की थी। इनमें कहा गया था कि नीरव ने भारत के बैंकिंग सिस्टम के साथ फ्रॉड किया हैइसलिए उसे कानूनी प्रक्रिया के लिए भारतीय एजेंसियों के हवाले किया जाए। लंदन में ऐश-ओ-आराम की जिंदगी गुजार रहे इस भगोड़े ने अपने बचाव में कई तर्क दिए। नीरव ने यहां तक कहा कि वो भारतीय कानून का सामना करने को तैयार हैलेकिन उसे भारतीय एजेंसियों के हवाले न किया जाए। जब निचली अदालत ने उसे भारत को सौंपने का फैसला किया तो उसने हाईकोर्ट का रुख किया और अब हाईकोर्ट ने भी उसकी पिटीशन खारिज कर दी है।

इससे पहले मई 2020 में लंदन के वेस्टमिंस्टर कोर्ट में नीरव के प्रत्यर्पण पर सुनवाई हुई थी। करीब 9 महीने की सुनवाई के बाद फरवरी 2021 में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण करने को मंजूरी दे दी थी। कोर्ट ने तब कहा था कि नीरव पर जो आरोप हैंउसके जवाब उन्हें भारत की अदालत में देने चाहिए। महाराष्ट्र के प्रिजन डिपार्टमेंट ने पहले ही लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में बैरक नंबर-12 के बारे में जानकारी साझा कर दी थी। प्रिजन डिपार्टमेंट ने बताया था कि नीरव मोदी को जहां रखा जाएगावो जगह हाई सिक्योरिटी वाली होगी और वहां उसे मेडिकल फैसिलिटी भी मिलेगी। अगस्त 2020 में वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने बैरक नंबर-12 का वीडियो भी देखा था। इसके बाद ही कोर्ट ने नीरव को भारत लाने की मंजूरी दी।

कोर्ट ने कहा है कि नीरव मोदी बैरक नंबर-12 में पूरी तरह से सेफ रहेगा। नीरव की दलील थी कि उसकी मानसिक हालत ठीक नहीं है और अगर उसे भारत भेजा जाता हैतो वो सुसाइड कर लेगा। इस पर भी कोर्ट ने कहा कि बैरक नंबर-12 में नीरव के सुसाइड करने के चांस नहीं हैंक्योंकि वहां उसकी हेल्थ का पूरा ख्याल रखा जाएगा। नीरव मोदी पर मेहुल चौकसी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) से करीब 14 हजार 500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। फरवरी में ब्रिटेन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट ने मोदी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इस फैसले के खिलाफ उसने लंदन हाईकोर्ट में अपील की है। भारत लाए जाने के बाद उसे मुंबई की आर्थर रोड जेल की बैरक नंबर-12 में रखा जाएगा।

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