आर्य किड्स गार्डन स्कूल (AKGS) के बच्चों ने मचाया धमाल।

आर्य किड्स गार्डन स्कूल घिटोरनी, नई दिल्ली के बच्चों ने गर्मी की छुट्टी का बहुत ही सकारात्मक रूप में उपयोग व स्वागत किया। यह भारतीय विद्यालयी परंपरा और स्वपोषित आत्मविश्वास के समृद्धि की दिशा में एक कारगर प्रयाण जैसा था। शायद, इस तरह का साहसिक कार्य एक दृढ़ इच्छाशक्तियुक्त, कर्तव्यपरायण और परोक्ष समर्पित व्यक्ति ही कर सकता है। जो वास्तविकता में चाहता है कि बच्चें धैयवान, शक्तिशाली, परिश्रमी और कुशलता प्रेमी बने। अन्यथा किसको पड़ी है कि दिल्ली की इस प्रचंड गर्मी में एसी से बाहर निकलकर विद्यालय के समर्पित बच्चों को अस्त्र-शस्त्र, शारीरिक कुशलता की शिक्षा तो दे ही बल्कि उनके चारित्रिक व मानसिक विकास के विभिन्न आयामों के सोपान को भी खोले।

स्कूल प्रबंधन द्वारा बच्चों को आत्मरक्षा के कई गुर सिखाये गए। उन्हें तलवारबाज़ी, कराटे, लाठी तकनीक, शारीरिक व्यायाम, योगासन-प्राणायाम जैसी कौशलपूर्ण और उज्जयी अभ्यासों से परिचित कराया गया। साथ ही जो बच्चा जिस भी विधा में रूचि रखता है उसे उसी तरह का मंच भी उपलब्ध कराया गया। मसलन, जो अच्छा वक्ता है तो उसे बोलने का, जो अच्छा नृत्य करता है तो उसे नृत्य का, जो संस्कृत श्लोकों में पारंगत है उसे श्लोक वाचन का, और जो किसी खेल विधा में रूचि रखता है तो उसे खेलने का सुअवसर दिया गया। पूरे कार्यक्रम में छोटे-छोटे बच्चों के मनोरम प्रयास काफी आकर्षक और प्रेरणादायक थे। तलवारबाजी का दृश्य काफी सराहनीय था, समूह में पुष्पचक्र निर्माण ध्यातव्य था, संस्कृत श्लोकों से शुरू प्रार्थना विश्व शांति और मानव उत्थान का आह्वान लगा, विभिन्न योगासनों की अवस्थाएं किसी कौतूहल से कम नहीं लग रहा था।

वैसे, यह सभी स्कूलों में लगभग परिपाटी सी बनी हुई है कि गर्मी में बच्चों को छुट्टी के अध्ययन कार्य सौंप कर इतिश्री कर ले और सभी शिक्षक अपनी सुविधानुसार समय व्यतीत करें। जबकि, सामान्यतः बच्चे अपने-अपने अभिभावकों के साथ गर्मी की छुट्टियां व्यतीत करते हैं। मेरी नजर में ऐसा पहली बार है कि कोई स्कूल प्रशासन गर्मी की छुट्टी में बच्चों के लिए इस तरह का शारीरिक प्रशिक्षण, कौशल, दक्षता, मानसिक संतुलन और सहयोगवृति की आकांक्षा लेकर आगे आया है, इसके लिए विद्यालय कोटि-कोटि साधुवाद का पात्र है। साथ ही सभी अभिभावकों ने अपनी-अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर भविष्य में एक बड़े बदलाव की आहट भी दे दिया है जो राष्ट्रीय अस्मिता और सांस्कृतिक उत्थान के महती होने का प्रमाण भी है। वैसे इस पुरे कार्यक्रम में वेदों की ध्वनि गुंजायमान रही। मंच सज्जा और संयोजन की निपुणता श्री जय राम एजुकेशन वेलफ़ेयर सोसाइटी ने बख़ूबी निभाया है।

दूसरी तरफ़, कार्यक्रम के दौरान मंचासीन आर्य भद्रजनों की उपस्थिति उत्साहवर्धक था। आचार्य राज कुमार आर्य जी द्वारा मंच संचालन बहुत ही प्रशंसनीय था। अन्य उपस्थित सभ्य जनों में प्राचार्य अशोक खटाना जी, उप प्राचार्य पूजा खटाना जी, धर्मेन्द्र रावत जी (सेन्ट्रल बैंक प्रबंधक, जौनपुर), बिजेंद्र पहलवान जी, धर्मेन्द्र पहलवान जी (काकू), नरेश आर्य जी, विकास जी प्रमुख थे। निश्चित ही यह कठिन कार्य आर्य किड्स गार्डन स्कूल के प्रबंधक समूह द्वारा किया गया जो परम आदर्श, उत्तम श्रद्धा और सुवंचना जन्य है, सभी साधुवाद के पात्र हैं। वहीं, इसमें स्कूल प्रबंधक श्री मनोज आर्य जी, स्कूल प्राचार्या सुश्री पूनम आर्य जी की भूमिका बहुत ही सराहनीय रही है। साथ ही शारीरिक प्रशिक्षक प्रवीण जी का योगदान अतुलनीय रहा है, उनके अनुपस्थिति में इतना संतुलित और अल्प अवधी में ऐसा कर पाना मुश्किल था।

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